Durga Mantra : 02

 


रक्षांसि यत्रोग्रविषाश्च नागा यत्रारयो दस्युबलानि यत्र।
दावानलो यत्र तथाब्धिमध्ये तत्र स्थिता त्वं परिपासि विश्वम्॥

साधक इस मंत्र का जप विविध उपद्रवों से बचने के लिए करते हैं.

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